"कुछ बिखरी यादें "-- में आपका स्वागत है ! जिंदगी की एक कोरी डायरी के कई पन्ने मैंने काले नीले और कई तरह के रंगों से भरे है उन रंगों को यहाँ उकेरने की यह एक छोटी कोशिश है |
Wednesday, September 22, 2010
कुछ फिर दिल से .................
हम तो अपने दर्द के फ़साने पढते थे ;
शायद ही कभी इश्क की चर्चा करते थे;
किसी की मुस्कराहटो का कुछ हुआ असर ऐसा ;
कि अब तो सिर्फ परवाने इश्क ही गाते नजर आने लगे.........................
खूबसूरत ....
ReplyDeleteकुछ लंबी कविताएँ भी लिखें ..
कृपया वर्ड वेरिफिकेशन हटा लें ...टिप्पणीकर्ता को सरलता होगी ...
वर्ड वेरिफिकेशन हटाने के लिए
डैशबोर्ड > सेटिंग्स > कमेंट्स > वर्ड वेरिफिकेशन को नो करें ..सेव करें ..बस हो गया .
thanx mam 4 a nice sgsn and apriciasn
ReplyDeletebadiya..
ReplyDeletethanx richa ji....
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