"कुछ बिखरी यादें "-- में आपका स्वागत है ! जिंदगी की एक कोरी डायरी के कई पन्ने मैंने काले नीले और कई तरह के रंगों से भरे है उन रंगों को यहाँ उकेरने की यह एक छोटी कोशिश है |
Wednesday, September 22, 2010
इश्क की गलियों से
इश्क की गलियों की सर फरमाइए ; वक्त की कमी का मत ख्याल कीजिये; जीने के लिए तो वक्त तो बुत है जनाब ; बस जनाजे से पहले सेहरे का इंतजाम कीजिये .................
thanxxxxxxxxxxxx rajnish ji
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