"कुछ बिखरी यादें "-- में आपका स्वागत है ! जिंदगी की एक कोरी डायरी के कई पन्ने मैंने काले नीले और कई तरह के रंगों से भरे है उन रंगों को यहाँ उकेरने की यह एक छोटी कोशिश है |
Wednesday, September 22, 2010
धर्म से
तुम कहते हो की हम हिन्दू मुस्लिम भेद करते है ; जरा नजर उठाओ धर्म के ठेकेदारों ; हम कुरान वो वेद पढ़ते है ये साम्प्रदायिकता तुम नेताओ के चोचले है हम तो दीवाली में अली ; रमजान में राम देखते है
हम तो दीवाली में अली ;
ReplyDeleteरमजान में राम देखते है
अच्छी पंक्तिया ........
सबसे बढ़िया बात ...
यहाँ भी आये एवं कुछ कहे :-
समझे गायत्री मन्त्र का सही अर्थ
बहुत खूब ..
ReplyDeleteकृपया वर्ड वेरिफिकेशन हटा लें ...टिप्पणीकर्ता को सरलता होगी ...
वर्ड वेरिफिकेशन हटाने के लिए
डैशबोर्ड > सेटिंग्स > कमेंट्स > वर्ड वेरिफिकेशन को नो करें ..सेव करें ..बस हो गया .