लहर
"मैने रेत पर लिखा था तेरा नाम
वर्ष २०१२ अक्टूबर महीना स्थान जैमपोर बीच दमन | कुछ लोग आ रहे थे अपना और अपने
साथी का नाम लिखते उनका मानना था की पानी की आती जाती लहर के साथ अगर उनका नाम नही मिटता तो
उनका रिश्ता स्थायी और LONGLASTING होता
है ...मैंने कुछ लिखा था |
"मैने रेत पर लिखा था तेरा नाम
वो मिट गया
इक लहर के साथ
पर ये यादेँ
नही है रेत जैसी
न वक्त का
मिजाज है कुछ लहर जैसा॥"
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