Thursday, January 16, 2014

मेरी डायरी के अवशेष

  मेरी डायरी के अवशेष

मेरे ओंठों को खबर नही

दिल में गम हजार रहते है...

तुमने देखा है बस हँसतें हुए चेहरे को
आंख तो नाम बेहिसाब रहते है..!!!!
कदम लडखडा ही जाते 
जब आप याद आते है..,
हम चलते है खुद को सम्हाल कर
वो तो बस जब आप साथ रहते थे...!!!
मयखाने में गूंजते है अल्फाज सबके 
मदहोश रहकर भी तेरा नाम कहते है..!!
फिर से पिला दो नजरों से आज तुम
साखी पिलाये प्याली से तो हम बदनाम होते है..!!!

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